हमें दुर्दिनों से बचाना कन्हैया

आप सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ

 हमें दुर्दिनों से बचाना कन्हैया

गीत-उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट

समर्पित तुम्हें फूल भरकर डलइया, उफनती है अब भावना की तलइया
हमें दुर्दिनों से बचाना कन्हैया, कहीं डूब जाए न जीवन की नइया।

लगे दुष्ट कितने ही पीछे हमारे, रहें हम सदा ही तुम्हारे सहारे
बनो तुम्हीं माँझी लगाना किनारे, तो फिर आँसुओं के बहें क्यों पनारे

न रोए कहीं पर किसी की भी मइया, न आपस में कोई लड़े आज भइया
हमें दुर्दिनों से बचाना कन्हैया, कहीं डूब जाए न जीवन की नइया।

तुम्हारी कृपा से बनें काम सारे, चमकते रहें देखो अपने सितारे
मिटाओ सभी कष्ट विनती यह प्यारे, रहें हम सदा ही तुम्हारे दुलारे 

पले आज घर- घर में अब एक गइया, भरे सबके घर में दही की मलइया
हमें दुर्दिनों से बचाना कन्हैया, कहीं डूब जाए न जीवन की नइया।

पुकारें यहाँ हम कहाँ भोली  राधा, हमारी डगर में न हो कोई बाधा
यहाँ गोपियों ने है जो काम साधा, तुम्हारा लगा मन वहीं आज आधा 

घूमे यहाँ पर तुम्हारा ही पहिया, तुम्हीं सृष्टि में रास-लीला रचइया
हमें दुर्दिनों से बचाना कन्हैया, कहीं डूब जाए न जीवन की नइया।

चलें आज गोकुल नगरिया जो न्यारी, जहाँ गूँजती बाँसुरी है तुम्हारी
जुड़ी हैं कथाएँ जसोदा से प्यारी, करें सबको भावुक नर हों या नारी

न लो तुम परीक्षा मिटाओ बलइया, करेगा नहीं तब कोई हाय दइया
हमें दुर्दिनों से बचाना कन्हैया, कहीं डूब जाए न जीवन की नइया

 रचनाकार-उपमेंद्र सक्सेना एड०
           'कुमुद- निवास' 
बरेली(उ०प्र०)
 मो०- नं०- 9837944187

दैनिक 'दिव्य प्रकाश', बरेली में प्रकाशित रचना- सर्वाधिकार सुरक्षित


# दैनिक प्रतियोगिता हेतु 
१९/०८/२०२२

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12 Comments

Chetna swrnkar

21-Aug-2022 01:00 PM

Bahut khub 👌

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Seema Priyadarshini sahay

20-Aug-2022 02:54 PM

बेहतरीन रचना

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Mithi . S

20-Aug-2022 02:00 PM

V nice

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